पतझड़ दिया था वक़्त ने सौगात में मुझे
मैने वक़्त की जेब से ‘सावन’ चुरा लिया
- Sawan Shayari
दिल से शुक्रिया ऐ मेरे बुरे वक़्त
अगर तुम न आते तो अपनो-परायो का पता न चलता…
- Shukriya Shayari
ऐ वक्त तेरा हमेशा शुक्रिया अदा करूँगा मे ,
तेरे रहते ही मुझे अपनो की पहचान हुई
– शहजाद आलम एडवोकेट
- Pehchan Shayari, Shukriya Shayari
कुछ लम्हे फ़ुर्सत के
कुछ पल सुहाने
कुछ चाय की गरमाहट
कुछ ख़याल तुम्हारे
- Chai Shayari