बुलंदी की उङान पर हो तो, ज़रा सब्र रखो..
परिंदे बताते हैं कि, अासमान में ठिकाने नही होते…
- Philosophy Shayari
ख्वाहिशें कुछ कुछ यूं भी अधूरी रही
पहले उम्र नहीं थी, अब उम्र नहीं रही
- तमन्ना शायरी
पूरे की ख्वाहिश में ये इंसान बहुत कुछ खोता है
भूल जाता है कि आधा चाँद भी खूबसूरत होता है
- Chand Shayari, तमन्ना शायरी
कुछ ख्वाहिशें अधूरी रहें तो अच्छा है,
ज़िंदगी जीने की जुस्तजू बनी रहती है
- तमन्ना शायरी