Jiske bahut zyada dost hon,
Woh kisi ka dost nahi hota
जिसके बहुत ज्यादा दोसत होते हैं
उसके कोई दोसत नहीं होते
रिश्ते कभी ज़िन्दगी के साथ नहीं चलते,
रिश्ते एक बार बनते हैं,
फिर ज़िन्दगी रिश्तों के साथ चलती है
मुस्कुराहट, तबस्सुम, हंसी, कहकहे,
सबके सब खो गए, हम बङे हो गए
- Bachpan Shayari
हज़ारों उलझनें राहों में अौर कोशिशें बेहिसाब..
इसी का नाम है ज़िन्दगी.. चलते रहिये जनाब…
ज़िन्दगी उलझाए रखती है, गुनाहों में हमें
इतनी फुर्सत ही नहीं देती कि, शर्मिंदा भी हों!