टीस देकर जारहे हो
अब नहीं लौटोगे तुम
याद आओगे बहुत
मीत मेरे अलविदा ॥
अब न हम लड़ पायेंगे
न प्यार ही कर पायेंगे
शून्य यह जीवन हुआ
मीत मेरे अलविदा ॥
वो बहारे वो नजारे
वो सितारे चांदनी
अब नहीं वह सुबह होगी
मीत मेरे अलविदा ॥
प्रेम का घर क्यों बनाया
जब तुम्हें रहना न था
अब कटेगी कैसे रातें
मीत मेरे अलविदा ॥
हम तुम्हारे तुम हमारे
कह नहीं पाये कभी
रह गयी बाते अधूरी
मीत मेरे अलविदा ॥
– Kaushal