बदला बदला सा है क्यों आज रवैया तेरा
किसके पहलूँ में है बदला ये नज़रिया तेरा
तूने मुड़कर ही न देखा कभी दीवाने को
हाय पीछा किया है मैंने ज़बरिया तेरा
उसको शक हो गया ये प्यार मुझे है तुझसे
जान ले ले न मिरी आज वो भैया तेरा
नज़्म लिखता हूँ अदाओं पे तेरी रोज़ाना
देख दुनिया से है ग़ाफ़िल ये लिखय्या तेरा
– आज़म ख़ान
- Badalna Shayari, Duniya Shayari, Shak Shayari, रवैया शायरी
Share on facebook
Share on twitter
Share on whatsapp
Share on pinterest
रवैया देख कर बेटों का बूढ़े मां बाप को ख्याल आया कि
जब बारिश ठहर जाती है तो छतरी बोझ लगने लगती है….
- Maa Baap Shayari, रवैया शायरी
Share on facebook
Share on twitter
Share on whatsapp
Share on pinterest
चेहरे अजनबी हो भी जायें तो कोई बात नहीं
लेकिन रवैये अजनबी हो जायें तो बड़ी तकलीफ देते हैं ..
- Ajnabi Shayari Hindi, Takleef Shayari, रवैया शायरी
Share on facebook
Share on twitter
Share on whatsapp
Share on pinterest
उनके रवैया से लगता है कि वह हमसे खफा है
वह कहते हैं तुम बेवफा हो हम कहते हैं तू बेवफा है
- नाराज शायरी, रवैया शायरी
Share on facebook
Share on twitter
Share on whatsapp
Share on pinterest
रवैया देख कर बेटों का बूढ़े मां बाप को ख्याल आया कि…
जब बारिश ठहर जाती है तो छतरी बोझ लगने लगती है.!!!
- Maa Baap Shayari, मतलबी लोग शायरी, रवैया शायरी
Share on facebook
Share on twitter
Share on whatsapp
Share on pinterest