पठान बहुत ही आशावादी था। हर बात पर कहता था, “ख़ुदा ख़ैर करे, इससे भी बुरा हो सकता था।”
उसके सारे दोस्त उसकी इस बात से बहुत परेशान थे। एक दिन उन सब ने मिलकर एक कहानी बनायी जिससे ज्यादा बुरा होना मुश्किल था।
पठान का एक दोस्त ग़मगीन सा चेहरा बना कर बोला, “यार, कल तो बहुत ही बुरा हुआ।”
पठान: क्यों क्या हुआ?
दोस्त: यार कल मेरा पडोसी जब घर लौटा तो उसकी बीवी किसी गैर मर्द के साथ रंगरलियां मना रही थी। यह देख कर मेरे पडोसी ने गुस्से में आकर दोनों को गोलियों से भून दिया और फिर खुद को भी गोली मार ली।
पठान: ख़ुदा ख़ैर करे, इससे भी बुरा हो सकता था।
दोस्त (चिढ कर): इससे बुरा क्या हो सकता था?
पठान: अगर यह किस्सा परसों का होता तो मरने वालों में एक नाम मेरा होता!
Mummy : Kyon ro rahe ho?
Son: Daddy ne mujhe kiss nahi kiya!
Mummy: Tumne tables nahi sunaye honge
Son: Kaam wali aunty ko kaun se tables aate hain!
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जानवरों के हॉस्पिटल में अलग ही चक्कर है !
यहां रजिस्टर में नाम मालिक का लिखा जाता है और बीमारी जानवर की !
नाम :- रमेशचंद्र !
बीमारी :- पूँछ में सूजन !
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Ek Couple Kamre me akele soo rahe the..
Boy : Mujhe bahut thand lag rahi hai..
Girl : Mere dono heater to pakad lo ..
Boy : Mujhe abhi bhi thand lag rahi hai..
Girl : Abe niche apna plug to laga pahle…
Ek ladka dukan pe jake bolta hai :
“Ek condom dena girlfriend ko gift dena hai”
Dukan wala : To mai is par cover laga dun…?
Boy : Yahi to cover hai … Gift to mere paas hai