लफ्जो की दहलीज पर,घायल ज़ुबान है..
कोई तन्हाई से तो कोई, महफ़िल से परेशान है..!!
मैं तड़प रहा हूँ तुमको याद करते करते!
हर वक्त जुस्तजू की फरियाद करते करते!
मुद्दत से बैठा हूँ तेरे इंत़जार में,
खुद को तन्हाई में बरबाद करते करते!
- Tadap Shayari, इंतज़ार शायरी
ये सर्द शामें भी किस कदर ज़ालिम है,
बहुत सर्द होती है, मगर इनमें दिल सुलगता है,
- Kadar Shayari, Mausam Shayari, Sardi Shayari ठंड की शायरी, Shaam Shayari
इंतज़ार का मज़ा तो तब आता है,
जब किसी ने लौट के ना आने का वादा किया हो ,
फिर भी दिल को विश्वास हो उसके लौट आने का
- Wada Shayari In Hindi, इंतज़ार शायरी, विश्वास पर शायरी
Andhere ke buna roshani ka vajood kha h…
Dhukh ke bina khusi ka ahshas kha h..
Or tmhare bina jindigi me tanhai ke alawa kya hh