यादों की अर्थी, तन्हाई का कफन, गम का तकिया..
????साहैब????
इंतजाम तो सब हो गया बस नींद का आना बाकी है..
- Kafan Shayari, Neend Shayari, याद शयरी
दर्द की बारिशों में हम अकेले ही थे ऐ दोस्त..!
जब बरसी ख़ुशियाँ न जाने भीड़ कहां से आ गयी.!!!
- मतलबी लोग शायरी
सजा रही हूँ अपनी तन्हाई को जमकर…
महक तुझे आये तो दौड़े चले आना…
????अनजान????
मोहब्बत खींच ही लाती है अपने आशियाने में..
मगर वो क्या जाने जो अकेले है इस ज़माने में ।
बचपन में जब चाहा हँस लेते थे, जहां चाहा रो लेते थे,
और अब, मुस्कुराहट तमीज़ ढूँढती है और आंसू तन्हाई।
- Bachpan Shayari
Andhere ke buna roshani ka vajood kha h…
Dhukh ke bina khusi ka ahshas kha h..
Or tmhare bina jindigi me tanhai ke alawa kya hh