अंदाज-ए-बयां में इनके भी गजब का नशा है
तन्हाई से कभी दिल लगा के तो देखिये
– Yamini
- Nasha Shayari
चलो अच्छा हुआ कि शाम हीं तन्हा गुज़री
मिल के बिछड़ते तो रात कटनी मुश्किल होती
- Raat Shayari, Shaam Shayari
कभी कभी तन्हाई भी
कितना कुछ कह जाती है
चारों तरफ हो सन्नाटा तब
धड़कन शोर मचाती है
– नीतू ठाकुर
बेवफाई को भी तेरी, इक राज रखा हैं मैंने
बेपनाह मोहब्बत का ये अंदाज रखा हैं मैंने
गनीमत हैं ये कलम भी तुझसे बदतमीजी करें
मेरी शायरी में भीे तेरा, लिहाज रखा हैं मैनें।
छलकती हैं आज भी कभी तनहाई मेेें आँखे
तो लगता हैं की तुझे ही, नाराज रखा हैं मैंने।
तुझे खोकर जैसे, खौफ-ए-खुदा भी न रहा
तेरे बाद तो यही अपना मिजाज रखा हैं मैंने।
मोहब्बत’ के मायने भी तुझसे ले के तुझी पे थे
अब तो मेरे पास सिर्फ ये अल्फाज रखा हैं मैंने।
- Alfaaz Shayari, Bepanah Shayari, Khuda Shayari
आँखों में देखी जाती हैं प्यार की गहराईयाँ
लफ्ज़ों में तो छुप जाती हैं बहुत सी तन्हाईयाँ.
Andhere ke buna roshani ka vajood kha h…
Dhukh ke bina khusi ka ahshas kha h..
Or tmhare bina jindigi me tanhai ke alawa kya hh