यूँ ही बेसबब न फिरा करो, कोई शाम घर में भी रहा करो
वो ग़ज़ल की सच्ची किताब है, उसे चुपके चुपके पढ़ा करो
कोई हाथ भी न मिलाएगा, जो गले मिलोगे तपाक से
ये नये मिज़ाज का शहर है, ज़रा फ़ासले से मिला करो
अभी राह में कई मोड़ हैं, कोई आयेगा कोई जायेगा
तुम्हें जिसने दिल से भुला दिया, उसे भूलने की दुआ करो
– Bashir Badr
- Dua Shayari, Wo Hame Bhul Gaye Shayari In Hindi
हर रोज चुपके से निकल आते नये पत्ते
यादों के दरख्तों में क्यूं पतझङ नहीं होते…
- याद शयरी
चलो बाॅट लेते हैं अपनी सज़ाऐं
ना तुम याद अाअो, ना हम याद आएें
- Saza Shayari, याद शयरी
तन्हाईओं मे उनको ही याद करते हैं,
वो सलामत रहें यही फरियाद करते हैं,
हम उनके ही मोहब्बत का इंतेज़ार करते हैं,
उनको क्या पता हम उनसे कितना प्यार करते हैं
- याद शयरी
अभी मसरूफ हूॅ,
कभी फुरसत में सोचूॅगा
कि
तुझको याद रखने में,
मैं क्या क्या भूल जाता हूॅ
- याद शयरी
Andhere ke buna roshani ka vajood kha h…
Dhukh ke bina khusi ka ahshas kha h..
Or tmhare bina jindigi me tanhai ke alawa kya hh