रहने की कुछ बहतरीन जगहों में से,
एक जगह अपनी अौकात भी है
- औकात शायरी, फनी शायरी
जितना बदल सकता था, खुद को बदल लिया,
अब जिसे शिकायत है, वो अपना रास्ता बदले।
– Anwar Hussain
- Badalna Shayari, Shikayat Shayari, रास्ता शायरी
हमको तूफ़ान के ख़तरों से डराते क्यों हो,
हम समंदर के तमाशों पे नज़र रखते हैं!
– Mohbsaqib
- Nazar Shayari, Samandar Shayari
समंदर को बहुत गुरुर है
अपने होने पर
हमारी प्यास से उलझे
तो धज्जियाँ उड़ जाएँ !!
– Siya
- Samandar Shayari