हम तो खुशियॉ उधार देने का कारोबार करते हैं, साहब
कोई वक्त पे लौटाता नहीं है इसलिए घाटे में हैं
चलो फ़िर से हौले से मुस्कुराते हैं,
बिना माचिस के ही लोगों को जलाते हैं।
- Shayari on Smile मुस्कुराहट शायरी
मुस्करा कर देखो तो
सारा जहाॅ रंगीन है,
वर्ना गुस्से भरी निगाहों
से तो आईना भी
धुधंला नजर आता है।
nice shayriyan