दवा असर ना करे तो
नजर उतारती है
माँ है जनाब…
वो कहाँ हार मानती है
घर की इस बार
मुकम्मल तलाशी लूंगा
पता नहीं ग़म छुपाकर
हमारे मां बाप कहां रखते थे…?
- Maa Baap Shayari
जन्नत का हर लम्हा….दीदार किया था
गोद मे उठाकर जब मॉ ने प्यार किया था
- Deedar Shayari, Jannat Shayari
माँ को देख,
मुस्कुरा लिया करो..
क्या पता किस्मत में
चारो धाम लिखे ही ना हो
- किस्मत पर शायरी