ख़फ़ा हो गए हो तुम जब से ..
जिंदगी हमसे सांसो की हिसाब मांगती हैं
– Tejas
- नाराज शायरी
ये सांसों का बन्दी जीवन, किसको आया रास रे जोगी
विधवा हो गई सारी नगरी, कौन चला वनवास रे जोगी
~Dr. Rahat Indori
- Philosophy Shayari
वक़्त कभी एक सा रहता नहीं सुन लो साहेब…
खुद भी रो पड़ते है औरो को रुलाने वाले…
– Ruchika
- मतलबी लोग शायरी
जिंदगी को जनवरी सपने दिखाती है…..
और दिसम्बर आईना।।
- Aaina Shayari, Sapne Shayari
बिछड़ के तुम से ज़िंदगी सज़ा लगती है,
यह साँस भी जैसे मुझ से ख़फ़ा लगती है।
तड़प उठती हूँ दर्द के मारे,
ज़ख्मों को जब तेरे शहर की हवा लगती है ।
अगर उम्मीद ए वफ़ा करूँ तो किस से करूँ,
मुझ को तो मेरी ज़िंदगी भी बेवफ़ा लगती है।
– Aditi Agarwal
- Saza Shayari, Tadap Shayari, Umeed Shayari, नाराज शायरी