हर रोज़ गिर कर भी
मुकम्मल खङे हैं
एै ज़िन्दगी देख,
मेरे हौंसले तुझसे भी बङे हैं
- हौसला बढ़ाने वाली शायरी
चूम लेता हूॅ हर मुश्किलों को..मैं अपना मानकर
ज़िन्दगी कैसी भी है आखिर है तो मेरी..
- हौसला बढ़ाने वाली शायरी
चेहरे की हंसी से गम को भुला दो
कम बोलो पर सब कुछ बता दो
ख़ुद ना रूठो पर सबको हंसा दो
यही राज है ज़िन्दगी का जियो अौर जीना सिखा दो
- हौसला बढ़ाने वाली शायरी
मंज़िल मिलेगी, भटक कर ही सही,
गुमराह तो वो हैं जो घर से निकले ही नहीं
- हौसला बढ़ाने वाली शायरी
राह की धूप मेरे काम आई
छांव होती तो सो गाया होता
- हौसला बढ़ाने वाली शायरी