दुनिया में किसी पर हद से ज्यादा निर्भर ना रहें क्यूंकि
जब आप किसी की छाया में होते हैं तो आपको अपनी परछाई नज़र नहीं आती
- Nazar Shayari
ताल्लुकात बढ़ाने हैं तो कुछ आदतें बुरी भी सीख लो…
ऐब न हो…तो लोग महफिलों में नहीं बुलाते…!
- Aadat Shayari
होंसलों के तरकश में,
कोशिश का वो तीर ज़िंदा रखो…
हार जाआे चाहे ज़िंदगी में सब कु्छ
मगर फिर से जीतने की उम्मी्द ज़िंदा रखो…
- Umeed Shayari, हौसला बढ़ाने वाली शायरी
बैठे चाय की प्याली लेकर पुराने किस्से गरम करने
चाय ठंङी होती गई अौर अॉखें नम
- Chai Shayari