देखकर दर्द किसी आैर का
जो आह दिल से निकल जाती है
बस इतनी सी बात तो
आदमी को इनसान बनाती है
जो हर किसी पे मर जाए,
वोे मर ही जाए तो अच्छा है।
जो रिशते गहरे होते हैं
वो अपनेपन का शोर नहीं मचाते
जब रूह किसी बोझ से थक जाती है,
एहसास की लौ अौर भी बढ जाती है,
मैं बढता हूं ज़िन्दगी की तरफ लेकिन,
ज़ंजीर से पाॅव में छनक जाती है
जो व्यस्त थे, वो व्यस्त ही निकले,
वक्त पर फ़ालतू लोग ही काम आये