यूँ तो तुझको मेरे इशारे पर ही चलना है …
एे ज़िन्दगी तू फिर इतना इतराती क्यूँ है !
– Yamini
चलिये कुछ बचकानी बातें करते है…
हर वक्त की समझदारी तो बोझ है…
खामोशी बहुत अच्छी है,
कई रिश्तों की अाबरू ढक लेती है।
तारीफ के मोहताज़ नहीं होते सच्चे लोग क्यूंकि..
असली फूलों पर कभी इत्र नहीं लगाया जाता