आज मौसम कितना खुश गंवार हो गया
खत्म सभी का इंतज़ार हो गया
बारिश की बूंदे गिरी कुछ इस तरह से
लगा जैसे आसमान को ज़मीन से प्यार हो गया…
कल तक उड़ती थी चेहरे पर
आज पैरों से लिपट गयी
चन्द बूँदें क्या बरसीं बरसात की
धूल की फ़ितरत ही बदल गयी
स्वागत मानसून