हृदय में छाने लगा उमंग प्रिये,
तूने डाला मधुरिम रंग प्रिये।
कान्हा ने जब किया हुडदंग प्रिये।
राधा निकली गोपियों के संग प्रिये।।
फिर हुई रंगों की बौछार प्रचंड प्रिये।
प्रीत का छलका फागुनी संग प्रिये।।
हर क्षण उल्लासित मुखारविंद प्रिये।
तेरे संग होली का बजे मृदंग प्रिये।
जीवन में बस जाए आनंद प्रिये।
छू न पाए कभी विरहिण रंग प्रिये।।
– Shanaya choudhary