बचपन पीछे रह गया छूटा सुख संसार।
बाबुल घर मेरा नही बेटी करे पुकार
- Bachpan Shayari, बेटी पर शायरी कविता
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उस रब का करुं में शुक्र, के यह सबको नही मिलता…..
बेटी वोह फूल है जो हर बाग में नही खिलता…..
- बेटी पर शायरी कविता
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लोग कहते हैं बेटी को मार डालोगे,तो बहू कहाँ से पाओगे?
जरा सोचो किसान को मार डालोगे, तो रोटी कहाँ से लाओगे?
Daring Khan Khan
- किसान पर शायरी, बेटी पर शायरी कविता
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अफसोस जिस देश में जानवरों में अपनी माँ नजर आती है,
अफसोस उस देश मे मासूम बच्ची में बेटी नजर नही आई।
- Afsos Shayari In Hindi, बेटी पर शायरी कविता
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एक तरफ बाबुल की गलियाँ
एक तरफ संसार पिया का
किसको थामूं किसको छोडूं
दोनों हैं आधार जिया का
आगे कुँवा तो पीछे खाई
जगने कैसी रीत बनाई
किस्मत ने क्या खेल है खेला
मनवा डोले जैसे हिंडोला
– Neetu Thakur
- बेटी पर शायरी कविता
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बहुत अच्छा संग्रह लिखा है आपने