एक अजनबी से बात क्या की कयामत हो गई
सारे शहर में इस बात की खबर हो गई
क्यो ना सजा दे इस कमबख्त दिल को
दोस्ती का इरादा था और मौहब्बत हो गई ।
- Ajnabi Shayari Hindi, Qayamat Shayari
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कुछ बातों को करीने से लगाकर,
वो जाता है अक़्सर मुझे बहलाकर ।
कीमती हैं मेरे पास यादें तुम्हारी
इनको रखा है त़ह पे त़ह लगाकर ।
खोज़ना है किसी अपने को पर
गया है वो चेहरे पे चेहरा लगाकर ।
बेगाना तो नहीं पर कैसे कहूं अपना,
जो गया है मुझे अजनबी बनाकर ।
-सीमा ‘सदा’
- Ajnabi Shayari Hindi, याद शयरी
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खौफ नहीं था , अजनबी से मुलाकात का…
फिक्र थी कि कोई रिश्ता ना बन जाए
- Ajnabi Shayari Hindi, Mulakat Shayari
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एक अजनबी से बात क्या की कयामत हो गयी हैं,
सारे शहर को चाहत की खबर हो गयी हैं….
क्यों ना दोष दूँ दिले नदान को,
दोस्ती का इरादा था और उनसे मोहब्बत हो गयी हैं..!
- Ajnabi Shayari Hindi, Qayamat Shayari
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काश की मिल जाए मुझे मुक़द्दर की कलम
लिख दू लम्हा लम्हा खुशी एक अजनबी की ज़िन्दगी के लिए
- Ajnabi Shayari Hindi
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