कतरा – कतरा भी दिया वतन के वास्ते ,
एक बूँद तक ना बचाई इस तन के वास्ते ,
यूं तो मरते है लाखो लोग हर रोज़ ,
पर मरना तो वो है जो जान जाये वतन के वास्ते …
- Desh Bhakti Shayari वतन पर शायरी
Share on facebook
Share on twitter
Share on whatsapp
Share on pinterest
बुजदिलों , कायरों में न मेरा नाम हो।
लहू का क़तरा क़तरा मेरे वतन पे क़ुर्बान हो।
ये ख़ुदा कुछ ज्यादा नहीं माँगा मैंने,
बस इतनी सी आरज़ू है कि हर भारत वासी
के दिल में वतन , और तिरंगे के प्रति सम्मान हो।।
- Desh Bhakti Shayari वतन पर शायरी, Khuda Shayari, तमन्ना शायरी
Share on facebook
Share on twitter
Share on whatsapp
Share on pinterest
आयो झुक कर सलाम करे उन्हें
जिनके हिस्से में यह मुकाम आता है …
किस कदर खुश नसीब है वो लोग…
खून जिनका वतन के काम आता है …
- Desh Bhakti Shayari वतन पर शायरी, Kadar Shayari
Share on facebook
Share on twitter
Share on whatsapp
Share on pinterest
ना जियो धर्म के नाम पर,
ना मरो धर्म के नाम पर,
इन्सानियत ही है धर्म वतन का,
बस जियो वतन के नाम पर।
- Desh Bhakti Shayari वतन पर शायरी, Insaniyat Shayari
Share on facebook
Share on twitter
Share on whatsapp
Share on pinterest
ऐ वतन तेरी मुहब्बत में ये जिंदगी अदा कर देंगे
इन बरफीली वादियों मे अपनी तकदीर बयां कर देंगे
हिंदुस्तान के मैदान -ए – जंग से वादा है हमारा
कश्मीर मांगने वालों को जिंदगी से विदा कर देंगे
- Desh Bhakti Shayari वतन पर शायरी, Wada Shayari In Hindi
Share on facebook
Share on twitter
Share on whatsapp
Share on pinterest