होली को कुछ इस तरह मनाता हूँ मै
जिस्म पर नही रूह पर रंग लगाता हूँ मै
डालता है जब कोई मुझ पर होली का रंग
सच मानिए फिर दिल से मुसकुराता हूँ मै
- Holi Ki Shayari
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रंग बिरंगी भावनाओं का उदगार है
होली।
जो रूठा हैं उसे मनाने का त्योहार हैं
होली।।
परदेस तक पहुँच जाएं वो फागुनी वयार हैं
होली।
तेरे संग जो रंगाया था कभी वो प्यार हैं
होली।।
- Holi Ki Shayari
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मतलब में कोई ना ढ़ाला जाये किसी भी रंग को,
आओ एक मुहब्बत के रंग से हम सब होली खेलें.
– नज़ीर मालिक.
- Holi Ki Shayari
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बचपन वाली होली… जब माँ पकवान बनाती थी और हम दूर खड़े राह तकते थे कि कब हमें कुछ मिले।
कितना प्यार औऱ अपनापन है इसमें..कितना सुकून है। मीठे का चोर दरवाज़े पर खड़ा है!
- Holi Ki Shayari
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एक टीका गुलाल का अपने माथे पर लगा लेना
आईने के सामने खड़े होकर हमारे साथ होली मना लेना
- Aaina Shayari, Holi Ki Shayari
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