कोई दलील यहां पर असर नही करती
दिल मुर्दा गर हो तो खबर नही करती
हालात के तकाजे हमे मजबूर नही करते
उसूल वालों पर चमक असर नही करती
सियासत करने वाले झूठ ही बोलेंगे यहां
जमीर की आवाज इन पर असर नही करती
छोड़ कर इस जगह को जायें तो कहां जायें
अजदाद की खुशबू हर जगह नही मिलती
फसादात की जद में है यहां वतन मेरा
शायद मेरी दुआएं भी असर नही करती .
– Rahat Indori
- Jhoot Shayari, Majburi Shayari, Philosophy Shayari
नशा दौलत का हो या फिर शोहरात का, चूर कर देता हैं….!!
मगर नशा हो अगर मोहब्बत का तो मजबूर कर देता हैं….!!
– Siya
- Majburi Shayari, Nasha Shayari, दौलत शायरी
भूखा होता है अननदाता तो केवल घास खा लेता है
किसान जब मजबूर होता है तो सल्फास खा लेता है
- Garibi Shayari In Hindi, Majburi Shayari, किसान पर शायरी
हो के हालात से मजबूर चले जाते हैं
बेटे अपनी माँओं से दुर चले जाते हैं
घर के आँगन में लाड प्यार से पलने वाले
बन कर परदेस में मज़दूर चले जाते हैं ..!!
- Majburi Shayari
कितनी मजबूर मिली हयात हमे जीने की चाह में ना मर सके
लिखा था चराग ए शाम की तरहां जलना अंधेरा ना कर सकें
- Majburi Shayari