तू बेटी है तो रहमत है, तू बहना है तो शफ्कत है,
तू बीवी है तो चाहत है, तू माँ है तो फिर जन्नत है…
- Jannat Shayari, Sister Shayari बहन के लिये शायरी
तेरी वो नरमो नाज़ुक हथेलियाँ कैसे
मेरे चेहरे की सारी थकन छीनती थीं
ख़ुद छाँट कर खट्टे सभी खा जाती थी
मेरे लिये तुम मीठे ही बेर बीनतीं थीं
कभी काँटा चुभा उफ़ तेरे मुँह से निकली
ये ममता तुझमें भी तो माँ की सी है
तेरी इन चाहतों के मद्देनज़र सोचता हूँ
तूं भी मेरी नन्ही सी प्यारी माँ सी है
ग़ज़ब ये है कि आज भी तेरी फ़ितरत है वही
तूं कौन से आसमां से आयी है
किन फ़रिश्तों ने ज़मीं पर उतारा है तुझको
सोच कर हैंरान आज तेरा भाई है
कितने अंजान ग़मों तूं हिरासां होगी
उस घर होगी
पर भाई के सामने तूं कब ये भरम
खोलती है
सामने आती है वो बचपन की
अठखेलियाँ करती
अपने ओठों पे उसी तबससुम
से लबों को खोलती है
सोचता हूँ क़र्ज़ तेरा कैसे होगा अदा
कैसे तेरे इस प्यार का मोल दूँ तुझको
प्यार के धागों से हर बरस बाँध देती है
क्यों ना ये जीवन अनमोल दे दूँ तुझको
एक तमन्ना है जो सोचता हू काश
खुदा पूरी करे
हर जनम यों ही मिलें बहन और
भाई बनकर
पर इस बार कुछ ऐसा हो के मै
तेरी बहन बनूँ
और तूं मिले मुझको मिले मेरा
भाई बनकर
(गुरविदंर सिहं कालरा)
- Bachpan Shayari, Sister Shayari बहन के लिये शायरी
सूनी कलाई सिर्फ विधवा को नहीं रुलाती है
राखी पर कुछ भाई की आँखे भी छलकाती है..
- Sister Shayari बहन के लिये शायरी
ओस की बूंदों से भी प्यारी है, मेरी बहना
गुलाब की पंखुड़ियों से भी नाज़ुक है, मेरी बहना।
आसमां से उतारी कोई राजकुमारी है
सच कहूँ तो मेरी आँखों की राजदुलारी है मेरी बहना।
- Sister Shayari बहन के लिये शायरी
कभी लगती है दादी अम्मा
तो कभी डांटती जैसे हो मेरी मम्मा
कभी गुस्सा हो रूठ जाती
तो कभी प्यार से पास बुलाती
कभी टप टप आंसू बहाती
तो कभी मंद मंद ही मुस्काती।
दिल की बड़ी ही नेक है, सच कहूँ
तो मेरी बहना लाखों में एक है।
- Sister Shayari बहन के लिये शायरी